Wednesday, October 23, 2024
कविता

सब जग मंगल करो गणेश

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रवि यादव”प्रीतम”

सब जग मंगल करो गणेश
मेरे उर का तम तुम हर लो
मिटा दो जन गण मन से द्वेष
सब जग मंगल करो गणेश

श्री गणेश जी सुख समृद्धि
का अब श्री गणेश कर दो
जो दामन फैलाए हैं आगे
उनकी झोली भर दो
मैं नन्हा सा विहग विश्व के
नभ मे उड़ना चाह रहा
मनोकामना सच हो जाए
मेरी यह मुझको वर दो
शीश चढ़ा दूं चरणों में मैं
दे दो एक बार आदेश
सब जग मंगल करो गणेश

दीन दयाला परम कृपाला
तुम ही सिद्धिविनायक हो
धन वैभव शांति सुकून
संपत्ति सुमति के दायक हो
भाल पे लाल तिलक लगता
है मार्तंड उगता जैसे
तुम पूरे सृष्टि के स्वामी
तुम सब विधि विधायक हो
कुछ पल के ही लिए कीजिए
मन मंदिर में मेरे प्रवेश
सब जग मंगल करो गणेश