भारतीय साक्ष्य अधिनियम / सूचना अधिकार कानून को ठेंगे पर रखते हैं भदोही जिले के सूचना अधिकारी
आज देश में सूचना अधिकार अधिनियम 2005 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 कानून का किस तरह उपहास किया जा रहा है. यह किसी भी उच्च अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से छुपा नहीं है परंतु कानून का खुलेआम उल्लंघन करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही करने के बजाय उनके आला अधिकारी उनकी पीठ थाप – थपाते हैं की वाह तुमने एक आरटीआई कार्यकर्ता जिसको पहले एक क्रांतिकारी कहा जाता था आपने उसका हौसला तोड़ दिया तुम वाकई पुरस्कार के हकदार हो जिसका जीता-जागता प्रत्यक्ष प्रमाण है कि जनपद भदोही का समाज सेवी एवं सूचना कार्यकर्ता श्री कमलेश गुप्ता पुत्र श्याम नारायण गुप्ता निवासी वेदपुर ब्लॉक ज्ञानपुर जिला भदोही का निवास है. आरटीआई भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 में आवेदन कर ग्राम पंचायत विकास से संबंधित लोक दस्तावेज मांग गाय था. परंतु 1.जिला पंचायत राज अधिकारी भदोही 2. खंड विकास अधिकारी ज्ञानपुर 3. ग्राम पंचायत सचिव विजय कुमार सोनी तीनों के विरुद्ध धारा 35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत परिवाद पंजीकृत दिनाँक 12 – 04- 2021 किया गया है अभी तक दो बार नोटिस भेजा जा चुका है पर यह तीनों अधिकारी जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के आदेश और नोटिस को अपने ठेंगे पर रखते हैं भ्रष्ट अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त कर ग्राम पंचायत सचिव विजय कुमार सोनी 3 वर्षों नियमों को ताक पर रखते हैं अधिकारियों का पोल खुलने के डर से सवैधानिक रूप से बनाए गए कानून जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 कानून का जानबूझकर खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. खुद को संविधान से ऊपर मानते हैं और लोग दस्तावेज नहीं देते हैं आवेदन पर संबंधित अधिकारी कोई उत्तर नहीं दे रहे हैं और आवेदक का (4500) चार हजार पांच सौ भी प्राप्त कर उसे भी भ्रष्ट अधिकारी खा लिए और लोक दस्तावेज आज तक नहीं दिया गया निर्धारित दिनांक तक कोई पेश नहीं हुआ है देखना है कि आवेदक के आवेदन को अनदेखा करने वाले तीनों अधिकारियों को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग भदोही के नोटिस को कितना तवज्जो देते हैं भ्रष्टाचार मे लिप्त भ्रष्ट अधिकारी ।