Friday, November 22, 2024
चर्चित समाचार

गजल

Top Banner

जब तेरी आंखों में आंसू थे रवा रूकसर पर

बिजलियां सी गिर रहीथी इस दिले बीमार पर

सरहदे खतरे मे थी जन गुलुस्ताने हिंद की

हस्ते हस्ते चढ़ गए थे हम फराजे द्वार पर

ऐ विदेशी याद है वो दस्ताने गम मुझको

थे मेरे बच्चो के सर जब खंजरों के धार पर

पहले भी सीचा था हमने खून से इस सरजमी को

आज भी न आने देंगे हम गुलजार को