शहीद साथी की बहन की शादी में पहुंच गए 16 कमांडो,बखूबी निभाया भाई का किरदगार
जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए अशोक चक्र विजेता गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला की बहन की शादी को संपन्न कराने उनके 16 गरुड़ कमांडो दोस्त गांव पहुंचे. सभी दोस्तों ने शादी का पूरा जिम्मा उठाया और भाई का किरदगार बखूबी निभाया.
बिहार में एक साधारण शादी उस वक्त खास बन गई, जब उसमें शामिल होने भारतीय वायु सेवा के एक-दो नहीं बल्कि 16 गरुड़ कमांडो पहुंच गए. ये शादी रोहतास जिला के बिक्रमगंज के आनंद नगर में हुई और शादी में एक साथ 16 गुरूड़ कमांडो के पहुंचने का कारण था अपने शहीद साथी से किया गया वादा.
दरअसल 18 नवंबर 2017 को पाकिस्तानी आतंकियों से लोहा लेते जम्मू के बांदीपुर सेक्टर में बिहार के गरुड़ी कमांडो ज्योति शहीद हो गए थे. अशोक चक्र विजेता गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला की छोटी बहन की शादी हुई जिसमें भाग लेने यह सभी जवान पहुंचे. इतना ही नहीं अपने साथी शहीद जवान की छोटी बहन की शादी में इन सभी ने भाई का किरदार निभाया.
शहीद कमांडों के दोस्तों ने दुल्हन के आगे अपनी हथेली बिछा दी जिस पर पांव रख वो जयमाला के लिए पहुंची. यह दृश्य देखकर सभी लोग भावुक हो गए. बता दें कि अशोक चक्र विजेता शहीद गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला अकेल भाइ थे. उन पर तीन बहनों की शादी का जवाबदेही थी. ऐसे में भाई के शहीद हो जाने के बाद भाई के दोस्तों ने यह फर्ज निभाया.
इससे पहले जब 2019 में शहीद की दूसरी बहन की शादी हुई थी. उस समय भी 11 की संख्या में गरुड़ कमांडो शहीद के गांव बदलाडीह पहुंचे थे तथा बहन को अपने हथेलियां पर वरमाला के स्टेज तक पहुंचाया था. इस बार भी शहीद जवान के 16 गरुड़ कमांडो दोस्त गांव पहुंचे तथा अपने शहीद दोस्त की बहन को अपने हथेलियां पर विदा किया.
बता दें कि शहीद जवान की बहन सुनीता कुमारी बिहार पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं तथा उसकी शादी बक्सर के धनसोई के रहने वाले सब इंस्पेक्टर राहुल कुमार के साथ संपन्न हुई. अपने शहीद दोस्त के बहन की तमाम रस्मों को गरुड़ कमांडो के ग्रुप ने भाई बन कर निभाया. शादी की तमाम रस्मों ही नहीं, हर कार्य में बढ़ चढ़कर भाग लिया जिसे देखकर पूरा गांव हतप्रभ था.
गांव के लोगों का कहना है कि ज्योति प्रकाश के नहीं रहने के बावजूद उनके दोस्तों ने भाई की कमी पूरी कर दी तथा शादी में बढ़ चढ़कर भाग लिया. रात भर शादी की रस्में ही नहीं निभाई, बल्कि शादी विवाह की तमाम व्यवस्थाएं भी इन 16 जवानों ने अपने हाथों में ले ली.
सुनीता की विदाई के बाद यह सभी जवान पुनः ड्यूटी पर निकल गए. शहीद जवान के दोस्त आरसी प्रसाद कहते हैं कि ज्योति प्रकाश काफी बहादुर था. उसकी बहादुरी के किस्से आज भी रेजीमेंट में गौरव के साथ कहे और सुनाए जाते हैं. राष्ट्रपति ने उन्हें मरनोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित भी किया. ऐसे में ज्योति प्रकाश निराला का दोस्त होना भी खुद में एक गौरव की बात है. इसलिए वे लोग अपना फर्ज निभाना गांव में आए तथा बहन की शादी में भाग लेकर खुद को अनुग्रहित समझ रहे हैं.