Monday, November 25, 2024
अपराध

पहले भाभी, फिर ननद की इस वीडियो ने ले ली जान

Top Banner

राजस्थान के श्रीगंगानगर में एक वीडियो अभी तक दो महिलाओं की जान ले चुका है। मरने वाली एक ही परिवार की लड़कियां हैं और उनके बीच भाभी और ननद का रिश्ता है। वीडियो के चक्कर में अब से तीन महीने पहले भाभी ने आग लगा कर खुदकुशी कर ली थी। और अब 19 साल की ननद ने भी फांसी पर लटक कर अपनी जान दे दी। 

Crime Tak

पहले भाभी से दोस्ती फिर ननद पर निशाना

मामला यौन शोषण और ब्लैकमेल से जुड़ा है। दरअसल सूरतगढ़ के राजियासर थाना क्षेत्र के गांव सांवलसर में तीन लड़कों ने कॉलेज में पढ़ने वाली भाभी से कॉलेज आने जाने के दौरान दोस्ती कर ली। और उसके जरिये उसकी ननद को भी अपने चंगुल में फंसा लिया। इसी के बाद धोखे से इन लड़कों ने भाभी और ननद की आपत्तीजनक वीडियो बना ली। इस वीडियो का इस्तेमाल वो जब-तब दोनों को ब्लैकमेल कर उनके यौन शोषण के लिये करते थे। मना करने पर वो इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी भी देते थे।

लोकलाज के डर से आत्महत्या

ये सिलसिला कई महीनों तक चला और आखिरकार रोज-रोज की जिल्लत से तंग आकर लोकलाज के डर से भाभी ने बीती दिसम्बर को आत्महत्या कर ली। उसने शरीर पर पेट्रोल छिड़क कर खुद को आग के हवाले कर दिया। मगर हैरानी की बात ये है कि इसके बाद हुई शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। परिवार का तो यहां तक आरोप है कि रसूखदार परिवार के आरोपी लड़कों को बचाने के लिये पुलिस उल्टा पीड़ितों को धमकाती रही। 

पुलिस के रवैये ने ली दूसरी जान

वीडियो बनाने वाले लड़कों का हौसला पुलिस की इसी हरकत से और बढ़ गया। भाभी की मौत के महीने भर बाद वो तीनों एक बार फिर ननद को यौन शोषण के लिये परेशान करने लगे। एक ओर वीडियो वायरल होने पर बदनामी का डर और दूसरी ओर पुलिस-प्रशासन का रवैया। लड़की ने खुदकुशी करना ही बेहतर समझा और मंगलवार देर रात फांसी पर झूल गई। 

दो आरोपी गिरफ्तार, एक फरार

वीडियो के जरिये ब्लैकमेल, यौन शोषण और फिर एक के बाद एक खुदकुशी के दो मामलों ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया। पुलिस इसके बाद हरकत में आई और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि तीसरा आरोपी अब भी फरार है। पर आरोपियों के साथ साथ लोगों का गुस्सा पुलिस के खिलाफ भी है क्योंकि अगर पुलिस ने वक्त रहते कार्रवाई की होती तो उस वीडियो के चलते भाभी की मौत के बाद कम से कम ननद की जान बचाई जा सकती थी।