खबर विषेश
*आप लोगों की बहुत याद आती है ……*
*सपना पूरा कर के आऊंगी*……
*मां को IAS कोचिंग सेंटर हादसे का शिकार श्रेया यादव की लास्ट कॉल*..
राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे का शिकार हुई यूपी की बेटी श्रेया यादव के घर में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि जो श्रेया आईएएस बनने के लिए गई थी, उसकी लाश घर आई है.
*समर्थ श्रीवास्तव. ..अंबेडकर नगर. उत्तर प्रदेश*
दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे का शिकार हुई यूपी की बेटी श्रेया यादव के घर में मातम पसरा हुआ है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि जो श्रेया आईएएस बनने के लिए गई थी, उसकी लाश घर आई है. आंखों में आंसू लिए श्रेया की मां शांति कहती हैं कि घटना से एक दिन पहले बेटी से फोन पर बात हुई थी. उसने कहा था कि आप सबकी बहुत याद आती है. सबका हाल-चाल पूछा और कहा कि सपना पूरा कर के आऊंगी. लेकिन जब मौत की खबर आई तो हिल गए.
श्रेया की मां ने बेसमेंट में कोचिंग चलाने को लेकर सवाल उठाए और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने बताया कि बेटी ने कहा था कि आईएएस बन के आऊंगी, लेकिन किसी क्या पता था ये हो जाएगा. हम हाथ मल के रह गए. हमारी बेटी चली गई. इससे बड़ा और क्या गम हो सकता है.
बता दें कि राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी, जिसमें अंबेडकरनगर की श्रेया भी थी. छात्रा श्रेया यादव के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह पैतृक गांव में किया गया. इस दौरान श्रेया के गांव हासिमपुर बरसावां में बड़ी तादाद में स्थानीय लोग जुटे.
श्रेया यादव के घर में उसकी किताबें, नोट्स आदि पड़े हुए हैं. उन्हें देख-देखकर परिजन बस यही कर रहे हैं कि बेटी का सपना आईएएस बनने का था, लेकिन लापरवाही ने उसकी जिंदगी निगल ली. श्रेया की बुआ कहती हैं कि बिटिया अफसर बनने गई थी. सारा सपना चूर हो गया. पढ़ने में बहुत तेज थी. हमेशा बोलती थी छोटी नौकरी नहीं करूंगी. हम उसका चेहरा मरते दम तक नहीं भूल पाएंगे.
श्रेया की बुआ ने आगे कहा कि अप्रैल में कोचिंग जॉइन की थी, जुलाई में मौत की खबर आई. आखिर ऐसी बेसमेंट में कोचिंग क्यों चलाते हैं कि किसी मां के सपने भी उसमें दब जाएं. हमारे साथ जो हुआ वो किसी और के साथ न हो. प्रशासन की लापरवाही है पूरी.
लोगों ने बताया कि प्रतिदिन की तरह श्रेया यादव 27 जुलाई को भी कोचिंग गई थी. वहां बेसमेंट में वह भी अन्य छात्र-छात्राओं के साथ मौजूद थी, जहां बारिश का पानी भरने के बाद दो छात्राओं व एक छात्र की जान चली गई. दुर्भाग्य से उनमें श्रेया भी शामिल थी. हाईस्कूल व इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाली श्रेया ने बीएससी व एमएससी की डिग्री हासिल की थी.