भले डांट घर में तू बीबी की खाना भले जैसे -तैसे गिरस्ती चलाना भले जा के जंगल में धूनी रमाना
Read Moreनाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और। शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख
Read Moreआइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको जिस गली में भुखमरी की
Read Moreस्वर्ग-नर्क के बीच की चटख गई दीवार। कौन कराए रिपेयर इस पर थी तकरार॥ इस पर थी तकरार, स्वर्गवासी थे
Read Moreकाका हाथरसी आज भी अपनी रचनाओं के जरिए लोगों के दिलों में जिंदा है, आईए, आपको भी रू-ब-रू कराते हैं
Read Moreठाकुर ठर्रा सिंह से बोले आलमगीर पहुँच गये वो चाँद पर, मार लिया क्या तीर? मार लिया क्या तीर, लौट
Read Moreधरती मां ने कहा एक दिन वैज्ञानिक पुत्रों से। तुमने बड़े कमाल किए हैं पता चला सूत्रों से।। मिल-जुल क्या
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