चमचा युग
देवेंद्र यादव, भारतीय शूद्र संघ लात जूता खायेंगे , फिर बीजेपी में जायेंगे मंदिर मस्जिद गाय गोबर, हम दिन भर
Read Moreश्री गिरीश श्रीवास्तव जी बुझी सदियों की प्यासी आंख, दर्शन आज पाये हैं।। बजे शहनाइयां घर- घर, अवध में राम
Read Moreश्री अशोक मिश्रा कल जिसको सिंहासन मिलता पड़ा उसे जंगल जाना राजमुकुट सर आते-आते मिला उसे वल्कल बाना आने वाली
Read Moreजिस सिम्त है नुशरत ये उधर क्यों नहीं जाता अल्लाह ये इन्सान सुधर क्यों नहीं जाता ऐ दोस्त तु सचमुच
Read Moreबड़ा छोटा सा घर मेरा, बड़ी छोटी सी बगिया है। यहीं रहते मेरे मां- बाप, बड़ी प्यारी सी दुनिया है।।
Read Moreरवि यादव “प्रीतम” है दीपावली पुण्य संस्कृति पारम्परिक त्यौहार शुभ मंगल अवसर है जगमग जगमग है संसार देते लेते हुए
Read Moreभारत माँ के वीर सपूतों की पहली पहचान। बटुए में परिवार बसा है दिल में हिन्दुस्तान॥ सपूतों की पहली पहचान
Read Moreहमें इस रचना के रचयिता का नाम पता चल गया है जिनका नाम रविकांत दीक्षित है। इस रचयिता का नाम प्रकाशित
Read Moreपुष्यमित्र उपाध्याय सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे… छोड़ो मेहंदी खड्ग संभालो,खुद ही अपना चीर बचा लो
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