Traffic police launched awareness campaign, follow traffic rules, reach home safe and healthy – Santosh Shukla
यातायात पुलिस ने चलाया जागरूकता अभियान
यातायात नियमो का पालन करें, सुरक्षित और स्वस्थ घर पहुचे – संतोष शुक्ला
प्रतापगढ़
उत्तर प्रदेश जनपद प्रतापगढ़ में पुलिस अधीक्षक डॉ.अनिल कुमार के निर्देशन में यातायात प्रभारी संतोष शुक्ला द्वारा यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया यातायात प्रभारी ने कहा कि यातायात नियमों का पालन किसी डर या भय से नहीं, बल्कि मन से करें। दो पहिया वाहन चलाते समय सदैव हेलमेट पहने,वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग न करे, शराब पीकर वाहन न चलाये, चार पहिया वाहन चलाते समय सीटबेल्ट का प्रयोग करे तथा गलत दिशा में वाहन न चलाने के प्रति जागरूक किया गया। रिक्शा चालकों को सड़क के किनारे पार्किंग नहीं करने एवं व्यवस्थित रूप से अपना वाहन को खड़ी करने एवं शराब सेवन कर वाहन नहीं चलाने के बारे में बताया गया, ऑटो रिक्शा,टेम्पो चालकों को बताया कि चलाते समय अपना संपूर्ण डॉक्यूमेंट अपने पास रखें, एवं उन्हें होने वाली समस्या के बारे में भी जानकारी ली एवं वाहन चलाते समय ध्यान रखने वाले दूसरे नियमों के बारे में भी बताया गया।
ट्रैफिक नियमों का पालन क्यों करना चाहिए? ट्रैफिक नियमों की जानकारी
ट्रैफिक और यातायात के लिए कुछ ज़रूरी नियम
हेलमेट (Helmet)
दो पहिया वाहन चलाने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है हेलमेट का होना। जिसे हमें अपने सर पर पहनते हैं और यह आगे और पीछे बैठने वाले दोनों व्यक्तियों के ज़रूरी होता है। हेलमेट पहनने कि वजह है किसी दुर्घटना में हमारे सर और मुँह (Head and Mouth) को सुरक्षित रखना क्योंकि यहाँ पर लगी चोट घातक हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता और वाहन चलाता हुआ पाया जाता है तो यह कानूनी अपराध है और इसकी वजह से आपका चालान भी हो सकता है।
सीट बेल्ट (Seat Belt)
चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का उपयोग करना अति आवश्यक है। ड्राइवर और ड्राइवर के साथ वाली सीट पर बैठे व्यक्ति द्धारा सीट बेल्ट का उपयोग कानूनन ज़रूरी है। ऐसा करने से किसी दुर्घटना के समय में चार पहिया वाहन में आगे बैठे दोनों व्यक्ति काफी हद तक अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं क्योंकि दुर्घटना के समय आगे बैठने वाले व्यक्तिओं को घातक चोट लगने का ख़तरा रहता है।
हेड लाइट (Head Light)
रात के समय ड्राइविंग करने के लिए किसी भी प्रकार के वाहन में हेड लाइट होती है और यह दो प्रकार से जलती है। लो बीम (Low Beam) और हाई बीम (High Beam) कोई भी वाहन चलाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है कि हमारी गाड़ी कि हेड लाइट हमेशा लो बीम ही रहे। क्योंकि हाई बीम लाइट रखने से सामने से आ रही गाड़ी के ड्राइवर को रात के समय में आँखों में रोशनी पड़ने कि वजह से परेशानी हो सकती है और वह एक दुर्घटना का कारण बन सकता है।
नंबर प्लेट (Number Plate)
हर प्रकार के वाहन का अपना एक रजिस्ट्रेशन नंबर (Registration Number) होता है और इस नंबर का गाड़ी के आगे और पीछे दोनों तरफ लिखा होना अनिवार्य होता है जिसे हम नंबर प्लेट कहते हैं। यह किसी भी वाहन कि पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है। यदि हमारे वाहन कि नंबर प्लेट टूटी हुई है, या कोई नंबर है जो सही से दिखाई नहीं दे रहा है या फिर कई बार तो यह देखने को मिलता है कि किसी वाहन कि नंबर प्लेट है ही नहीं तो ऐसा होना भी कानूनी अपराध है। हमारे किसी भी वाहन की नंबर प्लेट एक दम सही होना बहुत ही आवशयक है।
ओवर टेकिंग (Over Taking)
ओवर टेकिंग का मतलब है कि गाड़ी चलाते समय अपने से आगे जा रही गाड़ी से आगे निकलना। वैसे तो ओवर टेक करना ही नहीं चाहिए परन्तु यदि करना भी है तो हमेशा राइट हैंड साइड (Right Hand Side) से करना चाहिए। गलत जगह से ओवर टेक करना भी दुर्घटना का कारण बन सकता है। आजकल इतनी भागदौड़ के समय में जब किसी के पास समय नहीं है और सब यही सोचते हैं कि कहीं देर न हो जाए तो हमें याद रखना चाहिए कि
कभी न पहुँचने से, देर भली !
गति सीमा (Speed Limit)
भारत सरकार द्धारा किसी भी वाहन को चलाने की भिन्न भिन्न रास्तों पर अलग गति सीमा निर्धारित की गई है और प्रत्येक रास्ते पर यह लिख कर बताया गया है की कहाँ पर कितनी गति से गाड़ी चला सकते हैं। हमें सदैव ही गति सीमाओं का पालन करना चाहिए। निर्धारित की गई गति से अधिक गति में वाहन चलाने से बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
हॉर्न का इस्तेमाल (Use of Horn)
हॉर्न प्रत्येक वाहन में लगाया जाता है। हॉर्न लगाने का सही कारण यह है की जब आपको बहुत ज़्यादा ज़रूरत हो तब ही हॉर्न का इस्तेमाल करें अन्यथा न करें। जैसे अचानक से कोई आपके वाहन के आगे आ जाए तब आप उनको सुरक्षित करने के लिए हॉर्न बजा सकते हैं। आजकल ऐसे भी हॉर्न का इस्तेमाल किया जाता है जिनकी आवाज़ बहुत तेज़ और भयानक भी है जिसकी वजह से कोई घबरा सकता है और दुर्घटना हो सकती है। हालाँकि सरकार द्धारा ऐसे हॉर्न पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
पैसेंजर्स लिमिट (Passengers Limit)
हमारे वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (Registration Certificate) में पैसेंजर्स लिमिट का विवरण दिया होता है। दो पहिया वाहन (Two Wheeler Vehicle) की पैसेंजर्स लिमिट केवल 2 है और चार पहिया वाहन की 5, 7, 10 या वाहन की क्षमता अनुसार इससे अधिक भी है। पैसेंजर्स लिमिट से अधिक व्यक्तियों को वाहन में बिठाना अपराध है। क्योंकि इससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ने की आशंका रहती है और दुर्घटना हो सकती है।
मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल (Use of Mobile Phone)
मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल करना किसी भी सूरत में किसी भी वाहन में कानूनी अपराध है। यदि कोई भी ड्राइविंग करते समय फ़ोन पर बात करता पाया जाता है तो उस व्यक्ति को इसका भुगतान करना पड़ता है। यदि आप गाड़ी चला रहे हैं और उस समय किसी से मोबाइल पर बात करना बहुत ज़रूरी है तो आप कुछ समय के लिए वाहन को रोक कर बात कर सकते हैं। क्योंकि ड्राइविंग करते समय फ़ोन पर बात करना हमारे साथ साथ अन्य लोगों के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।
ट्रैफिक चिन्ह या यातायात संकेत (Traffic Signs)
आपने देखा होगा ट्रैफिक चिन्ह या यातायात संकेत हर जगह यानि की अमूमन हर सड़क पर होते हैं और हमें इनके अनुसार ही चलना होता है। यदि हम इनका पालन नहीं करते हैं तो इसके लिए हम पर कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है और दुर्घटना का कारण भी हो सकता है। इनके साथ-साथ और भी बहुत सारे नियम हैं जिनका पालन करना हम सबके लिए अनिवार्य है। ट्रैफिक नियमों का पालन करें और ट्रैफिक नियमों की जानकारी रखें। वाहन चलाते समय कभी भी जल्दी नहीं करनी चाहिए और बहुत ही ध्यान से गाडी चलानी चाहिए। क्यूँकि, वो कहते हैं न
दुर्घटना से, देर भली!
REPORT – SALMAN KHAN