इन पहलुओं से हो रही है मामले की जांच,यूपी कांस्टेबल भर्ती 2024
पेपर लीक की कहानी समझने से पहले कई सवालों का जवाब तलाशना जरूरी है। आईये आपको सच्चाई बताते हैं। ये पेपर करीब 23 सौ सेंटरों में हुए और एक दिन में दो पालियों में हुए। पेपर 17 फरवरी को सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक चला। दूसरे पाली में पेपर 17 फरवरी को दोपहर 3 बजे से लेकर 5 बजे तक चला। यही स्थिति 18 फरवरी को रही। सुबह और दोपहर की शिफ्टों में परीक्षा हुई। अब यहां कई सवाल खड़े होते हैं –
क्या 17 फरवरी की पहली पाली (17 फरवरी सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक) का Question Paper 10 बजे से पहले लीक हुआ?
17 फरवरी की पहली पाली में कितने अभ्यार्थियों ने पेपर दिया था और क्या इसके लिए सिर्फ एक जैसे ही Question Paper आया था?
सवाल ये भी है कि 17 फरवरी की दूसरी पाली (दोपहर 3 बजे से लेकर 5 बजे तक) में कितने अभ्यार्थी शामिल हुए और क्या इनका Question Paper एक जैसा ही था? क्या इसका पेपर दोपहर 3 बजे से पहले लीक हुआ?
18 फरवरी के दिन हुए एक्जाम को ध्यान में रखते हुए उठते हैं यही सवाल ।
पहले दिन 10 बजे से पहले और दोपहर 3 बजे से पहले अगर पेपर लीक हुआ तो सवाल उठता है। जिन बच्चों ने 12 बजे तक एक्जाम दिया, उन्होंने इसे सोशल मीडिया पर दोपहर 12 बजे के बाद पोस्ट कर दिया। क्या कही ऐसा तो नहीं कि अभ्यार्थी उसे ही लीक Question Paper समझ रहे हो, क्योंकि जो अभ्यार्थी 3 बजे पेपर दे रहा होगा, उसके लिए ये पेपर जरूर अहम होगा। ये पेपर (17 फरवरी वाला) अगले दिन यानी 18 फरवरी को सुबह 10 बजे से पहले अगर कोई पोस्ट कर भ्रामक प्रचार करे तो कोई भी कंफ्यूज हो सकता है। कहीं ये स्थिति तो नहीं है, इसी बात की तहकीकात की जा रही है। कुल चार पालियों में चार Question Papers कायदे से बच्चों के पास मौजूद है। सवाल ये भी है जिनका पेपर खराब हुआ, कहीं उन्होंने तो ये प्रचार नहीं किया कि पेपर लीक हो गया है। दूसरा, इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं, इन तमाम बातों की जांच की जा रही है।
हालांकि एक्जाम यूपी पुलिस भर्ती प्रोन्नति बोर्ड ने जांच के आदेश दिए हैं। डीजी रिक्रूटमेंट बोर्ड ने कहा – परीक्षा से पहले कोई भी पेपर सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं किया गया। परीक्षा के बाद सब कुछ आ गया। प्रश्न पत्र अभ्यर्थी को घर ले जाने के लिए भी दिया जाता है, इसलिए हमें उनके दावों के आधार को परिभाषित करने की आवश्यकता है। चाहे वे इसे बना रहे हों या कुछ आरोप लगा रहे हों, इसके लिए मैंने बोर्ड के भीतर एक आंतरिक समिति बनाई है, जो इन सभी पोस्टों को पढ़ेगी और देखेगी कि दावे क्या हैं? बोर्ड और सरकार का ध्यान हमेशा पूर्ण पारदर्शिता और योग्यता आधारित होता है, इसलिए पूरी ईमानदारी से हम सभी मुद्दों पर गौर करेंगे।
इतना खर्च होता है सरकार का, और सरकार इतना कमाती है?
दरअसल, इस एक्जाम में हरेक अभ्यार्थी का करीब 1 हजार रुपए खर्च होता है। हालांकि SC/ST और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित लोगों को कुछ रियायतें मिलती है। एक अनुमान के मुताबिक, सरकार को इससे करीब 200 करोड़ रुपए मिलते हैं। हालांकि कुछ खर्चा एक्जाम कराने में भी जाता है। हालांकि सरकार इसे राजस्व के रूप में नहीं देखती, लेकिन सच तो ये है कि यह सरकार की आमदनी है।
60 हजार पद, 48 लाख अभ्यार्थी
यूपी पुलिस में 60,244 पुलिस आरक्षी पदों की भर्ती के लिए 17 और 18 फरवरी को प्रदेश के सभी 75 जिलों के 2,385 सेंटर पर परीक्षा आयोजित हुई। यूपी सरकार द्वारा शनिवार और रविवार को दो पालियों में हुई इस परीक्षा को लेकर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए। इस परीक्षा के लिए कुल 48,17,441 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें 15,48,969 महिला अभ्यर्थी शामिल थीं। 17 फरवरी को परीक्षा सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक हुई। इसके बाद उसी दिन दोपहर 3 से 5 बजे तक हुई। इसी तरह 18 फरवरी को भी परीक्षा सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक हुई और दोपहर को 3 से 5 बजे तक हुई। इसमें 150 प्रश्न आए थे। Question Papers के कई सेट्स बने थे। ऐसे में अब कई सवाल खड़े हो गए हैं।