भ्रष्टाचार के रीढ़ की हड्डी बना बीएसए कार्यालय जौनपुर
अनामिका शुक्ला प्रकरण में बीएसए जौनपुर कार्यालय से ही एक बाबू आनन्द सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है , आनन्द सिंह गैंग के मास्टर माइन्ड , दबंग एवं बहुचर्चित प्रधान लिपिक जो वर्तमान में सेवानिवृत्त हो चुका है श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी जिसकी आय से अधिक संपत्ति एवं फर्जीवाड़ा करने संबंधी मामले में सतर्कता विभाग द्वारा जांच गतिमान है , जिसे किसी भी ब्यक्ति के हस्ताक्षर बनाने में महारत हासिल है , जिसने अपने बाहुबल और ऊंची पहुँच के चलते एक मृतक आश्रित के रिक्त पद पर अपने साथ अपने भाईयो आदि की कई नियुक्तियां कराई और सर्विस पूरी करके खुद रिटायर है ( मजे की बात यह है कि इस प्रकरण की जानकारी उच्चाधिकारियो , मीडिया सहित पूरे जिले को है पर किसी की हिम्मत नही उसके खिलाफ मुँह खोलने की ) उसी विनोद चतुर्वेदी की पुत्री साधना चतुर्वेदी सहायक अध्यापिका तथाकथित प्रधानाध्यापिका प्राथमिक विद्यालय भुवालापट्टी विकासखंड-सिरकोनी, जौनपुर शिक्षा विभाग में कूट रचित अभिलेखों, शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से लगभग 15 वर्षों से सरकारी नौकरी कर रही है और जिले के विभागीय अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी उसे प्रश्रय दे रहे है तथा नियम कानून को ताख पर रखते हुए ब्यक्तिगत रूप से उक्त अध्यापिका को विशेष दर्जा और आर्थिक लाभ दे/ दिला रहे है। साधना चतुर्वेदी की नियुक्ति सन 2009 में बीएसए जौनपुर द्वारा प्राइमरी विद्यालय मुबारकपुर विकासखंड- खुटहन ,जौनपुर में सहायक अध्यापक पद पर की गई थी। दिनांक 12 /9/2009 को कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत से साधना चतुर्वेदी शिक्षण कार्य हेतु उक्त विद्यालय पर कभी भी नहीं गई जिस पर खंड शिक्षा अधिकारी खुटहन द्वारा श्री मती साधना को विभागीय नोटिस जारी किया गया था। श्री विनोद चतुर्वेदी ने अपने बाहुबल के आधार पर साधना चतुर्वेदी को प्राथमिक विद्यालय अफलेपुर विकासखंड- शाहगंज, जौनपुर पर संबद्ध करा कर प्राथमिक विद्यालय अफलेपुर से ही वेतन आहरित करा दिया । वर्ष 2009 से वर्ष 2018 तक साधना चतुर्वेदी ने कभी भी प्राइमरी विद्यालय अफलेपुर पर उपस्थित होकर शिक्षण कार्य नहीं किया बावजूद इसके एक-एक बार मे दो-दो तीन-तीन वर्ष का वेतन कार्यालय की मिलीभगत से बगैर खंड शिक्षा अधिकारी शाहगंज के हस्ताक्षर के निकाला गया है जो कि जांच का विषय है । साधना चतुर्वेदी द्वारा विभाग में जो अभिलेख व योग्यता प्रमाण पत्र जमा किए गए हैं उनकी स्थिति निम्नवत है––
1- साधना चतुर्वेदी द्वारा विभागीय पोर्टल “मानव सम्पदा” पर लोड की गयी हाई स्कूल से लेकर परास्नातक तक की समस्त डिग्रीया जिनके आधार पर उन्होंने शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त की है की डुप्लीकेट कॉपी लोड है तथा बोर्ड अलग-अलग होते हुए भी समस्त प्रमाण पत्रों के निर्गत होने की तिथि एक ही (16/ 3/ 2018) अंकित है।
2- साधना चतुर्वेदी द्वारा नौकरी प्राप्त करने से पूर्व सन् 2006 में बनवाए गए पैन कार्ड नंबर- ANNPM9525A जो कि मानव संपदा पोर्टल पर लोड है में साधना चतुर्वेदी की जन्म तिथि 02/11 /1978 अंकित है जबकि हाई स्कूल के अंकपत्र तथा सनद मैं जन्म तिथि 15-07-1980 है।
3- नौकरी प्राप्ति के उपरान्त साधना चतुर्वेदी द्वारा पुनः कूट- रचित तरीके से दूसरा पैन कार्ड नम्बर-BOCPR9236L बनवा कर विभागीय सैलरी खाता तथा आयकर हेतु उपयोग में लाया जा रहा है।
4- साधना की सर्विस बुक के आधार पर मानव संपदा पोर्टल पर अंकित सेवा इतिहास में साधना चतुर्वेदी की जन्म तिथि 15 अक्टूबर 1980 दर्शायी गई है तथा लेखाधिकारी (बेसिक) के मास्टर पे रोल पर दर्ज जन्मतिथि 02-01-1900 दर्ज है।
5- साधना चतुर्वेदी ने सन-2017 में अपनी पदोन्नति छोड़ दी थी, नियमतः 3 वर्ष तक उन्हें दोबारा उक्त लाभ देय नहीं था बावजूद इसके पिता की दबंगई तथा विभागीय अधिकारियों की विशेष कृपा पात्र होने के कारण पदोन्नति छोड़ने के वर्ष भीतर ही साधना चतुर्वेदी को एकल पदोन्नति आदेश पत्रांक बे 0-1/पदोन्नति/73-78 /2018-19 दिनांक 04/04 /2018 के तहत नगर क्षेत्र में सम्मिलित प्राथमिक विद्यालय भुवालापट्टी पर पदस्थापित किया गया जबकि उक्त विद्यालय पर प्रधानाध्यापक का पद रिक्त नहीं था।
6-पदोन्नति आदेश दिनांक 04/04/2018 के तहत कार्यभार ग्रहण करने के बावजूद साधना चतुर्वेदी को मई-2018 से नवंबर-2019 तक सहायक अध्यापक दर्शाते हुए सहायक अध्यापक का की वेतन ₹4200/दिया गया तथा सन् 2019 में एक ही पद (सहायक अध्यापक) पर 10 वर्ष की सेवा दिखाकर विभाग ने माह दिसंबर-2019 में साधना चतुर्वेदी को चयन वेतनमान का लाभ भी दे दिया जबकि शासनादेश कहता है कि पदोन्नति छोड़ने वाले कर्मचारी को न तो चयनवेतनमान देय है और न ही पदोन्नति वेतनमान । प्रतिमाह की वेतनावली में माह मई-2018 से माह नवंबर-2019 तक तथा मानव सम्पदा पोर्टल पर दर्ज सेवा इतिहास में साधना चतुर्वेदी को सहायक अध्यापक दर्शाया गया है तथा वेतन बिल माह दिसंबर- 2019 में चयन वेतनमान देकर वेतन ग्रेड 4200/ से 4600/परिवर्तित किया गया है। इसी प्रकार हाई स्कूल अंकपत्र की जन्म तिथि एवं समय-समय पर कूटरचित तरीके से बनवाए गए दोनों पैन कार्ड नम्बरो- ANNPM9525A तथा BOC PR9236L में जन्मतिथि भिन्न- भिन्न है जो हाईस्कूल के अंकपत्र में दर्ज जन्मतिथि से मेल नही खाती । उपरोक्त की पूर्ण जानकारी होते हुए भी विभागीय अधिकारीगण स्वयं के अर्थलाभ हेतु साधना चतुर्वेदी को संरक्षण प्रदान करते हुए शासनादेशों के विरुद्ध जाकर विशेष लाभ से लाभान्वित कर रहे हैं।
प्रदेश के BSA कार्यालयों में भ्रष्टाचार का यह अकेला प्रकरण नही है, जाने कितनी अनामिकाये और साधना चतुर्वेदी है जो विभागीय अधिकारियों की शह पर फूल फल रही है और फर्जीवाड़ा करके सरकारी खजाने को चूना लगाने का कार्य कर रही है। उपरोक्त प्रकरण में तत्कालीन BSA श्री राजेन्द्र सिंह, पूर्व ABSA सिरकोनी श्री राजेश गुप्ता, पटल सहायक श्री विजय शंकर की अहम भूमिका बताई जा रही है। अब देखना यह है कि वर्तमान BSA और ABSA महोदय द्वारा फर्जीवाड़े सम्बन्धी इस प्रकरण में क्या भूमिका निभाई जाती है। उनके द्वारा साधना चतुर्वेदी के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करा कर निलम्बन की संस्तुति करते हुए विभागीय व कानूनी कार्यवाही की जायेगी या ब्यक्तिगत सम्बन्धो की आड़ में बचाव प्रक्रिया अपनाई जायेगी, जो भी हो साधना चतुर्वेदी के इस कृत्य पर विभाग कितना भी कोशिश कर ले पर्दा नही डाल पायेगा, इसलिए BSA महोदय के लिए अच्छा यही होगा कि निष्पक्ष रूप से उचित और नियमानुसार कार्यवाही करें।जनपद जौनपुर में हफ़्तों रुककर मैंने खुद पूरी छानबीन करने के उपरान्त सबूत प्राप्त किये है तब अपनी लेखनी को गति दे रहा हूँ। पूरे प्रकरण की सूचना सम्बन्धित सभी उच्चाधिकारियो को दे दी गयी है । पूरी उम्मीद है कि एक बड़ी साजिश और जालसाजी/फर्जीवाड़ा करने वाले बड़े शिक्षा माफिया गैंग का पर्दाफाश होगा। किसी भी क्राइम और भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा से लिखता रहा हूँ, आगे भी लिखता रहूँगा। आप सभी से निवेदन है कि इस पोस्ट को इतना वायरल करे ताकि माननीय मुख्यमंत्री उत्तर- प्रदेश के संज्ञान में लाया जा सके कि उनकी भ्रष्टाचार मुक्ति के सपने को उनके ही अधिकारी गण कैसे ध्वस्त करने में लगे हुए है