जहा खुदगर्ज हाकिम हो वहा फरियाद क्या करना
जौनपुर, देश दुनिया मे जौनपुर सितारे हिंद के नाम से मशहूर है शायद यहा कभी बहुत बड़े बड़े काम करके यहा के लोगो ने यह प्रसंसनीय खिताब पाया है, मगर आज का जौनपुर पूरी तरह से भ्रष्टाचार के दल द लमे डूबता जा रहा है ऐसे मे समझ मे भ्रष्टाचारियो की शिकायत करने से पहले यह गीत याद आ जाता है कि “ चिंगारी कोई भड़के ,तो सावन उसे बुझाये , सावन जो अगन लगाये उसे कौन बुझाये?” यही गीत इस प्रकरण मे एकदम सटीक बैठता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना सरायख्वाजा अंतर्गत शिकारपुर चैकी (Shikarpur Chauki) के पुलिस कांसटेबल सुशील कुमार यादव एवं ग्राम सभा हरबसपुर(छुंछा) के लेखपाल धर्मव्रत यादव से बुरी तरह पीड़ित व्यक्ति रामकृष्ण यादव पुत्र विजय बहादर यादव निवासी ग्राम सभा हरबसपुर(छुंछा) थाना सरायख्वाजा जनपद जौनपुर ने अपने लिखित बयांन मे बताया है कि वह लगभग 4 वर्ष से पुलिस विभाग तथा राजस्व विभाग द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है पीड़ित के बयांन के अनुसार दिनांक १८ध्६ध्२०२० को हल्का लेखपाल धर्मव्रत यादव कानूनगो रवि शंकर दो सिपाहियों के साथ दिन में 10रू30 बजे पीड़ित की अनुपस्थिति में पीड़ित के घर आ पहुंचे घरवालों के पूछने पर लेखपाल द्वारा बताया गया कि विपक्षी प्रेमचंद यादव पुत्र निरहू यादव गुलाब चंद यादव पुत्र घूरहु यादव द्वारा शिकायत की गई है आप लोग मुकदमे की जमीन 1388क व 1401 पर नव निर्माण कार्य कर रहे हो जिसे सुनकर घरवाले आश्चर्यचकित हो गए क्योकि लेखपाल साहब जिस निर्माण कार्य की बात कर रहे थे वह सब कार्य जैसे घर मड़हा लैट्रिंग आदि पूर्व समय में कानूनी कार्यवाही के तहत 1388क व 1401 आराजी नम्बर के बाहर बाहर किया गया था मौके पर उपस्थित लोगों ने लेखपाल से जांच करने के लिए कहा तो जाच मे पीड़ित के सभी कार्य आ0न0 1388क व 1401 के बाहर पाया गया इसके बावजूद लेखपाल धर्मव्रत यादव के कहने पर पुलिस बल के द्वारा पीड़ित के बुजूर्ग दादा एवं बहन को धमकाते हुए कहा गया कि आ0न0 1398 अविभाजित लैंड में भी कोई कार्य नहीं करेंगे जिस पर कोई मुकदमा नहीं चल रहा है। जब घर वालों ने पूछा आप किस अधिकारी के आदेश पर तथा किस शिकायत पर पुलिस बल के साथ मेरे घर आए हैं तो लेखपाल द्वारा कहां गया कोई प्रार्थना पत्र नहीं है केवल सादे कागज पर लिखकर बताया गया है कि आप यहां कोई कार्य नहीं करेंगे हम इस क्षेत्र के लेखपाल है हम जो कहेंगे वही प्रार्थना पत्र मे शिकायत है और जिस काम के लिए मना करेगे वही कानून है। पीड़ित परिवार के साथ घटने वाली यह घटना पहली बार नहीं थी पीड़ित के अनुसार इसी तरह उसके सामने ही लेखपाल एवं पुलिस द्वारा विपक्ष से पैसे का लेनदेन कर पीड़ित परिवार को पुलिस व राजस्व विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है जिसका पीड़ित के पास पुख्ता सबूत हैपीड़ित के अनुसार लेखपाल एवं पुलि के द्वारा निम्नलांकित तिथियो मे विपक्षी से पेसा लेकर मनमाना कार्यकर पीड़ित का मानसिक शोषण किया गया है। पीड़ित का पुराने घर को तोड़कर नया घर बनाया जा रहा था विपक्षी द्वारा पुलिस से पैसे का लेनदेन कर दिनांक 16.6.2016 को पीड़ित का बनाया जा रहा घर रुकवा दिया गया और कहा गया कि जिस आ0न0 1388क व 1401 पर कार्य हो रहा है उस जमीन पर मुकदमा है विपक्षीयो द्वारा राजस्व एवं पुलिस बल के सहयोग से पीड़ित का कार्य जबरन रोक दिया गया जिसमे पीड़ित द्वारा दिनांक16.9.2016 को एसडीएम सदर के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर दिनांक 16 मई 2016 को थाना इंचार्ज के के मिश्रा द्वारा मुकदमे की जमीन को सीमांकन करने के लिए कहा गया। दिनांक 4.10.2016 को राजस्व विभाग द्वारा जांच कर बताया गया की घर का निर्माण मुकदमे की जमीन से बाहर की जमीन में हो रहा है तब जाकर पीड़ित का घर बना।
इसी तरह विपक्षी द्वारा दिनांक 3.5.2017को पीड़ित द्वारा बनवाया जा रहा लैट्रिंग और छप्पर पुलिस द्वारा रुकवा दिया गया । पुन्ह दिनांक 30.3.2017 को एसडीएम के समक्ष प्रार्थना पत्र दिया गया जिस पर दिनांक 25 .4.2017 को एसआई हरि प्रकाश यादव द्वारा विवादित जमीन का सीमांकन करने के लिए कहा गया दिनांक 15 मई 2017 को राजस्व विभाग द्वारा छप्पर व लैट्रिन को विवादित जमीन से बाहर बताया गया तब जाकर कार्य हुआ।
इसी तरह घटनास्थल पर पडे ईट दिनांक 18. 6.2018 को गिराया गया है जिसका पूर्णता जिक्र जनता दर्शन में दिए गए प्रार्थना पत्र संख्या 15194180142031 में है।सबसे अधिक कष्ट इस बात की है की राजस्व विभाग व पुलिस द्वारा आज तक विपक्षियों को गुमराह कर पैसा लिया जा रहा है उन्हें 1388 का व 1401 का सही स्थान बताया ही नहीं जा रहा है न तो सीमांकन किया जा रहा है क्योंकि हल्का लेखपाल एवं सिपाही को पता है कि हकीकत बता दिया जाएगा तो दोबारा पैसा नहीं मिलेगा इस प्रकार चन्द रूपयो की लालच मे अपने कर्तव्य को भूलकर लेखपाल एवं सिपाही द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है हल्का लेखपाल एवं कांसटेबल द्वारा कि गयी कई घटनाएं हैं जिसको सारा गाव जानता है।
पीड़ित के अनुसार पीडित के घर से कुछ दूरी पर पैसे के लेनदेन की घटना पूरे गाव मे प्रचलित हो चुकी है जानकारी के अनुसार ग्राम सभा हरबसपुर निवासी राम अजोर अजीत आदि तथा इंद्रजीत व सभाजीत के मध्य 5 कड़ी नाली का विवाद चल रहा है जिस पर राम अजोर पक्ष से उस पर अपूर्ण घर बना लिया गया है जब इसकी शिकायत इंद्रजीत व सभा जी द्वारा एसडीएम से की गई तो राम अजोर पक्ष पर 15c का मुकदमा 67A. 3/5 एफ आई आर दर्ज की गई है मुकदमा होने के बावजूद भी लेखपाल व कानूनगो पैसे का लेनदेन कर हर दसवे दिन उस नाली का माप करवाते हैं अलग.अलग सरहदों को पैमाना मानते हैं और पूरी कोशिश करते है कि किसी प्रकार नाली को घर से बाहर दिखाया जाए जिससे राम अजोर का अपुर्ण घर पूर्ण हो जाये किंतु यह कहने के लिए है हकीकत यह है कि लेखपाल एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा राम अजोर अजीत आदि पक्ष को बेवकूफ उनसे पैसा ऐठा जाता है। लेखपाल धर्मव्रत यादव एवं राजस्व निरीक्षक की करतूत इसी से पता चलती हे कि पीड़ित के आ0न0 1398 पर मु0 न होने के बाद भी उसे विवादित बताकर बिना लिखित शिकायत के रोकने आनेवाले लेखपाल राम अजोर अजीत आदि तथा इंद्रजीत व सभाजीत के मध्य मुकदमे होने के हर दसवे दिन विवादित जमीन को नापने आ जाते हैं इस प्रकरण मे पैसों का लेनदेन हरबसपुर निवासी बलराम यादव द्वारा किया जाता है जो वर्तमान में क्षेत्र पंचायत सदस्य है इस प्रकार की कई घटनाएं हैं। जबकि इसके विपरीत गांव के किसान मजदूर द्वारा 50 बार प्रार्थना पत्र देने के पश्चात सड़क नाली चक नहीं मापी जाती है बलराम यादव द्वारा पैसे के लेनदेन करने पर एक सादे कागज पर बिना किसी अनुमति के लेखपाल व पुलिस माप के लिए तैयार हो जाते हैं जिसमें पुलिस की भी अच्छी खासी कमाई हो जाती है,अपने सिपहसालारो के इस प्रसंसनीय कार्य से अंजान जिले के आला अधिकारी अंजान बैठे है या इनको जानकारी है फिर भी गरीब जनता का खून चूसने के लिए धर्मव्रत यादव जैसे रिस्वतखोर दीमक को खुला छोड़ रखे है जो पीड़ित गरीब के मन से कानून का भरोसा खतम कर रहा है।