जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे उच्च अधिकारियो की धौस से आउट सोर्सिंग चौकीदार विजय प्रताप बना कार्यालय का बाबू
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जौनपुर , आज उ0प्र0 मे राम राज्य की कल्पना मे सरकार नित नये कानून बना रही है और उसको लागू करके प्रदेश की जनता के जीवन मे खुशहाली लाने की कोशिश कर रही है ऐसे मे हमारे माननीय मुख्य मंत्री महोदय जी यह भूल जाते है कि हम बाहरी चोरो से लड़ सकते है परंतु जो चोर हमारे घर के अंदर बैठकर अंदर ही अंदर हमको खोखला कर रहा है उसकी खबर हम कब लेगे। आपको बतादे कि पिछड़ी जातियो के विकास के लिए सरकार ने एक विभाग बनाया है जिसको पिछड़ वर्ग कल्याण विभाग के नाम से जाना जाता है अगर कहा जाये तो यह विभाग पिछड़ी जातियो के लिए डूबते को तिनके का सहारा साबित होता है। जौनपुर जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे आउटसोर्सिंग के जरिये चौकीदार के पद पर कार्यरत कर्मचारी बिजय प्रताप सिर्फ नाम का चौकीदार है , विजय प्रताप पिछले कई वर्षो से उपरोक्त विभाग मे चौकीदार का काम करने हेतु रखा गया है परंतु अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करके तथा जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्री सुरेश कुमार मौर्या कि आपसी मिली भगत से दलाली का खुलेआम खेल खेला जा रहा है जिसमे विभाग मे बड़े बाबू के नाम से प्रचलित दलाल अनिल कुमार है जिस पर विजय प्रताप एवं सुरेश कुमार की रहमत की छाया है। विजय प्रताप के पुस्तैनी गाव मे जाकर पूछताछ करने पर पता चला है कि आज से विगत कुछ वर्षो पहले विजय प्रताप के घर की हालत ऐसी थी जिसकी आर्थिक स्थिति का बयांन नही किया जा सकता ऐसे मे जब पुस्तैनी समय से ही खराब हालत अचानक जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे चौकीदारी करते ही सारा माहोल बदल गया। कार्य करने के दौरान ही विजय प्रताप ने जमीन खरीदा तथा आलीशान मकान बनवाने के साथ साथ एक नई बोलेरो गाड़ी खरीदा है जिसका नम्बर यू.पी.62बी.क्यू. 5714 है , बड़े ही मजे की बात यह है कि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे ठेके पर आउटसोर्सिंग के जरिये चौकीदारी का काम करने वाला एक चौकीदार अपनी बोलेरो गाड़ी मे उ0प्र0 सरकार का स्टिकर लगाकर खुलेआम नियम कानून की धज्जिया उड़ा रहा है प्रशासन उसका कुछ नही कर रहा है आाखिर क्यो ? आउट सोर्सिंग की पगार देखा जाये तो यह स्पष्ट है कि वह 5000/के किराये के कमरे मे नही रह सकता जो बहुत ही अहम सवाल प्रशासन के सामनें मौजूद है कि क्या विजय प्रताप के कममरे का भाड़ा जिला पिछड़ावर्ग कल्याण अधिकारी देते है। जग जाहिर है कि चौकीदार का काम शाम को चालू होता है और कार्यालय कर्मचारी का काम प्रातः से आरम्भ होता है यह सब जानने के बाद भी विभाग के अधिकारी सुरेश मौर्या एक चौकीदार को कार्यालय सहायक की कुर्सी पर ससम्मान बैठाते आ रहे है, किसी भी व्यक्ति की योग्यता किसी के आगे रोड़ा नही बनती और ऐसा करने मे कोई आपत्ति भी नही है आपत्ति है तो एक ठेके पर रखे गये चैकीदार को कार्यालय सहायक बनाकर कार्यालय को दलाली का अड्डा बनाने के लिए अनिल कुमार नामका एक पेशेवर दलाल को लगा दिया गया है जबकि सुरेश मौर्या का लिखित कथन है कि वे अनिल को नही जानते परंतु ऐसे दर्जनो प्रमाण है जिसमे तमाम ऐसे भुक्तभोगी लोग है जो यही जानते है कि कि अनील पिछड़ वर्ग कल्याण विभाग मे एक बाबू है इतना ही नही अनिल ही वह व्यक्ति है जो हमारे सुरेश मौर्या जी को अक्सर छोड़ने जाता है अब सोचना यह है कि जिस अनिल को सुरेश मौर्या जानते ही नही वह उनको दो पहिया वाहन पर बैठाकर घुमाएगा कैसे? इसका जबाब तो सुरेश मौर्या जी को देना ही होगा चाहे प्रशासनिक स्तर पर दे अथवा माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर । सरकार की मंशा के अनुरूप संचालित योजनाओ की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है और सुरेश मौर्या सिर्फ यह कह कर पल्ला झाड़ रहे है कि वे अनील नाम के किसी व्यक्ति को नही जानते क्योकि इस नाम का कोई भी उनके विभाग मे कार्यरत नही है। अनील कुमार सिर्फ पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे ही अपनी दलाली की पैठ नही बनाया है बल्की जिला उद्योग विभाग जौनपुर के उपायुक्त से साठ गाठ करके ऐसी दलाली करता है कि जाच उपरांत विभाग को दातो तले अंगुली दबाना पड़ेगा । अनिल के इस पूरे कार्यशैली के मार्ग दर्शक चौकीदार विजय प्रताप है इतना ही नही इन भ्रष्ट कमिने किस्म के कर्मचारियो द्वारा किस तरह सरकार को चूना लगाकर आम जनता के लाभ की आड़ मे अपनी जेबे भरने का कार्य किया जा रहा है यह जाच का विषय तथा एक संज्ञेय अपराध है जिसकी जाच होनी चाहिए ।