थायराइड कितना खतरनाक महिलाओं में
● थायराइड, मधुमेह व हृदय रोग के बाद बड़ी संख्या में होने वाले रोगों में से एक है।
● इस बीमारी के लक्षणों को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाता क्योंकि ये लक्षण आयु बढऩे के साथ व रजोनिवृत्ति के समय ही पाए जाते हैं। इसी कारण से इस बीमारी के होने का पता नहीं चल पाता।
● पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थायराइड की समस्या ज्यादा होती है।
● बढ़ती उम्र के साथ इसके बढ़ने का खतरा भी ज्यादा होता है।
थायराइड एक छोटा-सा ग्लैंड होता है जो गले में सांस की नली के ऊपर स्थित होता है।
●जब यह ग्लैंड काम करना बंद कर दे या आवश्यकता से अधिक कार्य करने लगे, तो थायराइड होता है।
● थायराइड शरीर में आयोडीन की कमी के कारण या अनुवंशिक भी हो सकता हैं।
● अगर आप में थायराइड ग्लैंड अंडरएक्टिव है तो इसके विभिन्न संकेत और लक्षण भी नजर आते हैं।
आइए हम आपको महिलाओं में पाये जाने वाले इसके मुख्य लक्षणों के बारें में बताते हैं।
*महिलाओं में थायराइड लक्षण…*
*वजन बढ़ना*
थायराइड के कारण मेटाबॉलिज्म की दर धीमी पड़ जाती है। इसका मतलब यह कि आप जो खाना खाती हैं, उसका आपकी एनर्जी की आवश्यकताओं के लिए उचित तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। परिणामस्वरूप, आपकी बॉडी में फैट का अस्पष्ट जमाव और वजन बढ़ना शुरू हो जाता है।
*वाटर रिटेंशन*
कई महिलाओं में वाटर रिटेंशन के कारण, पानी और शरीर के दूसरे फ्लूड्स का अत्यधिक अवरोधन शुरू हो जाता है, जो हाथों और पैरों में हल्की-हल्की सूजन के रूप में नजर आता है। यहां तक की उनकी अंगूठी और चूड़ियां भी हल्की सी कस जाती हैं।
*■ थकान ■*
जब थायराइड अंडरएक्टिव होता है तो शरीर को पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती। जिसके कारण लगातार थकान और नींद आती रहती हैं। यहां तक कि किसी भी हल्की-फुल्की फिजिकल एक्टिविटी के बाद भी व्यक्ति बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस करता है।
*अस्वस्थ बाल और नाखून*
यह सबसे पहला लक्षण है, जो नजर आता है। नाखून पतले और रूखे होने शुरू हो जाते हैं। इससे नाखूनों में दरार और वह जल्दी टूटने लगते हैं। इसके अलावा, नाखूनों में सफेद लाइन भी नजर आने लगती है।
*शारीरिक आवश्यकता*
थायराइड प्रतिकूल रूप से शारीरिक आवश्यकताओं पर भी असर डालता है। कुछ महिलाएं सेक्सुअल इंटरकोर्स या किसी दूसरे फिजिकल इंटीमेसी में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं लेतीं। समस्या तब और ज्यादा खराब हो जाती है जब उनके अंदर सेक्सुअल एक्टिविटी से घृणा बढ़ जाती है।
*आवाज़ में परिवर्तन*
अंडरएक्टिव थायराइड ग्लैंड अकसर महिलाओं की आवाज़ में भी परिवर्तन लाता है। उनकी आवाज़ पहले से भारी और हार्श हो जाती हैं। जब महिलाएं बात करती हैं तो इरिटेटिंग क्वालिटी और कर्कशपन भी महसूस किया जा सकता है।
*अनियमित पीरियड्स*
महिलाओं में पीरियड्स में अनियमितताएं शुरू हो जाती है। यह पहले की तुलना में लाइटर या हेवियर रूप में हो सकता है। इसके अलावा, कई महिलाओं में दो पीरियड्स के इंटरवल में भी अनियमितता शुरू हो जाती है जैसे 28 दिन का साइकिल 40 दिन का बन सकता है।
*आंखों की बीमारियां*
इस रोग से पीडि़त कई महिलाओं में आंखों की बीमारियां भी हो जाती हैं जैसे आंखें लाल होना, खुजली होना, आंखों में सूजन आदि।
*■ डिप्रेशन ■*
इस रोग से डिप्रेशन की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। एक शोध के अनुसार मानसिक तनाव का संबंध थायराइड हार्मोन्स का कम उत्पादित होना है परंतु डिप्रेशन के रोगी थायराइड परीक्षण नहीं कराते जिससे इस रोग का पता नहीं चल पाता।
थायराइड रोग का पता ब्लड टेस्ट से चलता है। डाक्टर उन महिलाओं को थायराइड का परीक्षण कराने की सलाह देते हैं जिनमें इस प्रकार के लक्षण पाए जाते है। यदि आपको भी ये समस्याएं हैं तो डाक्टर से परामर्श करके उचित इलाज कराएं।
*साइलेंट किलर थाइरोइड का उपचार परम्परागत, प्राकृतिक एवं घरेलू तरीकों से सम्भव है।*
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नेचुरोपैथ कौशल
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