Friday, November 22, 2024
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*असली दारोगा की नकली क्राइम ब्रांच टीम*

*दोस्तों संग ज्वैलर के 42 लाख लूटे, हंसते हुए गया जेल*

लूट के मामले में दारोगा सूर्यप्रकाश पांडे सहित पकड़े गए तीन लोगों को 24 जुलाई को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. लेकिन इस दौरान दारोगा सूर्यप्रकाश हंसते हुए नजर आया.

*रोशन जायसवाल. वाराणसी…. उत्तर प्रदेश*

यूपी के वाराणसी में लूट की ऐसी वारदात का खुलासा हुआ है जिसे जानकर हर कोई दंग रह गया. क्योंकि, इस लूट में एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल था. बीते दिन पुलिस ने सब-इंस्पेक्टर ( दारोगा ) और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, अभी भी तीन आरोपी फरार हैं. उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है. कैंट थाना अंतर्गत नदेसर चौकी पर पोस्टेड आरोपी दारोगा और उसके साथियों ने नकली क्राइम ब्रांच का अफसर बन व्यापारी के 42 लाख रुपये लूटे थे. इसके लिए उन्होंने फिल्मी स्टाइल में साजिश रची थी.

लूट के मामले में दारोगा सूर्यप्रकाश पांडे सहित पकड़े गए तीन लोगों को 24 जुलाई को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. लेकिन इस दौरान निलंबित दारोगा सूर्यप्रकाश ( लाल टीशर्ट ) हंसते हुए नजर आया. आरोपी दारोगा की ऐसी तस्वीर की चर्चा न केवल बनारस कचहरी में है बल्कि पूरी वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस में हो रही है.

दरअसल, 22 जून को एक बड़े सराफ व्यापारी के दो वर्कर फर्म के 93 लाख रुपये लेकर बस से अपने गंतव्य को जा रहे थे. तभी रात में वाराणसी के रामनगर थाना क्षेत्र में उनकी बस को कुछ लोगों ने रुकवा लिया. उनमें एक वर्दी में था और बाकी सादी वर्दी में. आरोप है कि उन्होंने खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर पूछताछ के नाम पर व्यापारी के दोनों वर्कर को बस से उतार लिया. फिर कुछ दूर जाकर उनसे साढ़े 42 लाख छीन लिए और बाकी के पैसे वापस कर दिए.

वर्कर ने जब ये बात व्यापारी को बताई तो हड़कंप मच गया. थाने में इसकी शिकायत की गई. लेकिन शुरू में स्थानीय पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. हालांकि, बवाल बढ़ा तो उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच एसओजी से करवाई. जिसमें घटना में शामिल एक शख्स पकड़ा गया. उससे पूछताछ के बाद दारोगा सूर्यप्रकाश पांडेय का नाम सामने आया. इसके बाद जब गहनता से जांच की गई तो पता चला कि घटना वाले दिन दारोगा वहीं था और खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर वारदात को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाई थी.

*ऐसे रची लूट की साजिश*……

सूत्रों के मुताबिक, 22 जून को वाराणसी के एक व्यापारी अपने कर्मचारियों से 93 लाख कहीं भेज रहे थे. दो कर्मचारी यह रकम लेकर बस से जा रहे थे, जिसकी सूचना चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय को हुई तो उसने लूट का प्लान बनाया. सूर्यप्रकाश ने दो अन्य लोगों को लूट के प्लान में शामिल किया. इसके लिए बस में पहले से ही अपने एक आदमी को अवैध पिस्टल के साथ बैठा दिया. बस जैसे ही हाइवे पर पहुंची, वैसे ही चौकी इंचार्ज और उसके साथियों ने अपने आपको क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर बस रुकवाई. फिर दोनों कर्मचारियों को बस से उतार लिया. हवाला का पैसा बताकर 93 लाख में से 42.50 लाख रख लिए और 50 लाख लौटा दिए.

*डीसीपी ने क्या कहा?*

वारदात का खुलासा करते हुए डीसीपी काशी गौरव बंसवाल ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और सीडीआर की मदद से अभियुक्तों के नाम सामने आए हैं, जिसमें एक सब इंस्पेक्टर भी शामिल है और उसकी भूमिका भी संदिग्ध है. लूट की घटना में तीन लोगों को पकड़े जाने के अलावा तीन और अभियुक्त हैं, जो फरार चल रहे हैं. वहीं, लूटे हुए 42 लाख रुपये में से लगभग 8 लाख बरामद कर लिए गए हैं. दो असलहों के अलावा जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया है.