माननीय मुख्य न्यायाधीश जी ने दिखाया संबिधान की ताकत, खोल दी सबकी पोल।
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आज कोई कलमकार अच्छी बातो को लिखने तथा एक सच्चा कवि सही बातो को कहने से इसलिए कतराने लगा है क्योकि आज समाज का हर पढ़ा–लिखा वर्ग भी छिछोरी बातो को पसन्द करने लगा है। सच एवं सही बात करने एवं लिखने वाले को अनदेखा करने लगा है । वैसे आज के इस दौर मे सच कहना और सच लिखना दोनो ही खतरो से खाली नही है, ऐसे मे अगर कोई कलमकार जन समस्याओ को उठाता है तो समाज की क्या जिम्मेदारी है यह बताने की आवश्यकता नही है। अगर इस युवा कवि /कलमकार की कविता आपके मन को झकझोर दे ,कही गयी बाते अक्षरशः सत्य लगे तो ,आप अपने आशीर्वाद स्वरूप इस चैनल को लाईक, शेयर एवं सब्स सब्सक्राइब अवश्य करे।