Friday, November 22, 2024
अपराध

समझ मे यह नही आता कि, यह सच है कि वह सच है?

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जब जज साहब की यह हालत,जनता की हालत क्या होगी ?
आज पूरा देश करोना की दहसत से भयभीत है, जहा एक तरफ देश की अस्पतालो का दावा हो रहा है कि वे अपना काय्र पूरी निष्ठा एवं इमानदारी से कर रहे है वही सामने आये मामलो से यह बात स्पष्ट हो जा रही है कि इस करोना काल मे सरकार द्वारा बनाया गया आयुष्मान कार्ड शक्ति विहिन हो गया है। आयुष्मान कार्ड की छोड़े धन की भुख एवं कालाबाजारी की हवस मे ए प्राइवेट असपताल वाले कैशलेस कार्ड भी मानने को तैयार नही। मिली जानकारी के अनुसार राजधानी दिल्ली मे द्वारिका जिला न्यायालय के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कामरान खान की हालत 20 अप्रैल 2021 को कोरोना के कारण अचानक खराब हो गयी उनको साऊथ दिल्ली के एक निजी अस्पताल मे लाया गया ,जज साहब को लाने वाले कर्मचारियो के पैर के नीचे से जमीन तब खिसक गयी जब काउण्टर पर बैठा स्टाप भर्ती से पहले एडवांस राशि मागने लगा और कैश राशि न होने पर भर्ती लेने से इंकार कर दिया। मामला की जानकारी तत्काल जिला जज को दि गयी जिला जज ने तत्काल पुलिस को आदेशित किया तब जाकर बड़ी मुस्किल से कामरान साहब को भर्ती किया गया। कामरान साहब के अनुसार उनके पास कैश राशि नही थी परंतु कैशलेस कार्ड है परंतु अस्पताल के लोग भर्ती के समय कैश पैसा मागते है यहा कोई कार्ड नही चलता चाहे कैशलेस कार्ड हो या आयुष्मान कार्ड। बडी सोचने वाली बात है कि जब इतने बड़े शक्ति शाली लोगो की यह हाल है तो आम जनता की क्या हालत होगी। वही यह सवाल उठता है कि आखिर सरकार ऐसे अस्पतालो का रजि0 रद्द क्यो नही करती है जो सरकारी दस्तावेज को मामने से इंकार करते है।

दीपचंद यादव