साप्ताहिक साहित्य संध्या
मुंबई। साहित्य सत्कार के तत्वाधान में हर रविवार रात्रि 08:00 बजे से होने वाले आनलाइन सामूहिक काव्य सम्मेलन में कल रविवार को ग़ज़ल की दुनियां के बहुचर्चित नाम लखन डेहरिया जी (कटनी,मध्यप्रदेश)की अध्यक्षता में जब सरस्वती वन्दना करने के लिए रंजना लता जी (बिहार)के सुमधुर कण्ठ से स्वर फूटे तो तालियों की गड़गड़ाहट से पटल गूंज उठा। संदीप जी और नमन जी ने अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से सबको गुदगुदाने में सफलता प्राप्त की, तो वहीं जितेन्द्र जी व वीरेन्द्र जी ने भावपूर्ण कविताएं पढ़कर एक गम्भीर माहौल बना दिया।
नारीशक्ति की भी अहम् भूमिका रही, पुनः रंजना लता जी ने अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से तो किरण जी ने श्रृंगार रस के सवैया-‘बिना हरि के हरिहैं मोर बांधा’ को तरन्नुम में प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। वरिष्ठ कवि सहस्त्रबुद्धे जी नागपुर महाराष्ट्र से जुड़ कर कुछ अनमोल पंक्तियां पढ़े तथा डॉ विभा प्रकाश जी (लखनऊ) की रचनाएं बेजोड़ रहीं। सुश्री सौम्या जी व सुश्री पूजा जी ने प्रकृति प्रेम की अनोखी कविता प्रस्तुति की। अध्यक्ष श्री लखन जी (मध्य प्रदेश) ने तटस्थ समीक्षा करने के साथ मार्गदर्शन देते हुए दिल में उतर जाने वाली अपनी ग़ज़लें सुनायीं।। आखिर में आयोजक अल्पज्ञ जी ने सबका आभार प्रकट करके कार्यक्रम को अगले हफ़्ते रविवार तक के लिए स्थगित कर दिया।।