Friday, November 22, 2024
अपराध

स्टेशन से 3 साल की बच्ची का अपहरण व दुष्कर्म के बाद हत्या के 3 आरोपी दोषी

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29 जुलाई 2019 रिंकू साहू को गिरफ्तार किया

टाटानगर रेलवे स्टेशन से 25 जुलाई 2019 को तीन साल की बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में गुरुवार काे कोर्ट ने तीन आरोपियाें को दोषी करार दिया। आराेपियाें ने बच्ची के सिर व धड़ को अलग-अलग जगह पर फेंक दिया था। मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज 5 सुभाष की अदालत ने टेल्को रामाधीन बागान निवासी रिंकू साहू, काशीडीह के कैलाश कुमार और बच्ची की मां के प्रेमी मोनू मंडल को दोषी माना। अदालत 15 जुलाई को सजा सुनाएगी। मामले में कुल 30 लोगों को गवाह बनाया गया था, लेकिन 20 की ही गवाही हुई। तीनों आराेपियाें की वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से पेशी कराई गई थी।

बचाव पक्ष से विद्या सिंह, जाॅली दास, डीएलएसए के पैनल लॉयर कमलकांत सिन्हा ने पैरवी की। वहीं, सरकार की तरफ से अपर लोक अभियोजक रमेश नारायण तिवारी ने बहस की। 11 महीने के अंदर ही कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली। पुलिस ने फॉरेंसिक जांच व डीएनए टेस्ट भी कराया। बच्ची की मां के बयान पर रेल थाना में तीनों के खिलाफ भादवि की धारा 366ए, 376 डी ,120 बी, 302, 419, 370, 34 तथा पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ। पुलिस ने कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ 245 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया था।

बच्ची के धड़ व सिर को अलग-अलग फेंका था
तीनों ने बच्ची काे टेल्को रामाधीन बागान के कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। फिर उसका सिर धड़ से अलग कर फेंक दिया। रेल पुलिस ने स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे को खंगाला, जिसमें एक युवक बच्ची को ले जाते हुए दिखा। उसका स्कैच तैयार किया गया, जिसके आधार पर टेल्को रामाधीन बागान से 29 जुलाई को मुख्य आरोपी रिंकू साहू को गिरफ्तार किया। रिंकू के बयान पर उसके साथी मोनू मंडल और कैलाश कुमार को पकड़ा गया। पुलिस ने तीनों की निशानदेही पर टेल्को रामाधीन बागान से बच्ची का धड़ बरामद किया। सिर को पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद नाै अगस्त को रामाधीन बागान स्थित फिल्टर प्लांट के पास से बरामद किया था।

क्या कहते हैं सरकारी वकील
लोक अभियोजक रमेश नारायण तिवारी ने बताया कि तीन साल की बच्ची के साथ हुई घटना एक जघन्य अपराध है। ऐसे में अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए वह हरसंभव कोशिश करेंगे। उन्होंने कोर्ट के समक्ष सभी बातों को रखा है।

मुख्य आरोपी रिंकू साहू ने पैसे के अभाव में सरकारी वकील रखा था
इस मामले में आरोपी मोनू की पैरवी अधिवक्ता विद्या सिंह, कैलाश की पैरवी जॉली दास और रिंकू साहू की पैरवी डीएलएसए के पैनल अधिवक्ता कमलकांत सिन्हा कर रहे थे। रिंकू साहू ने रुपए के अभाव में वकील रखने की कोर्ट में अर्जी दी थी, जिसके बाद डीएलएसए ने अधिवक्ता उपलब्ध कराया था।