Sunday, December 22, 2024
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स्कूल के कमरे को ही बना दिया बेडरूम, जिलाधिकारी दिए जांच के आदेश

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बिहार के एक स्कूल में मैडम ने कमरे को ही बेडरूम, बना दिया. स्कूल के ऑफिस में टीवी, फ्रिज, गोदरेज और किचन का हर वो सामान मौजूद है जो पिकनिक के लिए जरूरी होता है. मामला तूल पकड़ते देख डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.

बिहार के गुरुजी कब क्या कर दे, इसका अंदाजा शायद के के पाठक को भी नहीं होगा. एक तरफ जहां शिक्षा विभाग स्कूलों में रहने वाले शिक्षकों को बाहर रहने का आदेश जारी कर रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ बिहार के एक स्कूल में एक मैडम ने स्कूल को ही बेडरूम, बना दिया. स्कूल के ऑफिस में टीवी, फ्रिज, गोदरेज और किचन का हर वो सामान मौजूद है जो पिकनिक के लिए जरूरी होता है. ऐसे में इस विद्यालय की ये तस्वीर आपको हैरान कर देने के लिए काफी है. इतना ही नहीं इस विद्यालय में पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों को विद्यालय की प्रधान शिक्षिका और उसके पति के द्वारा मजदूरों की तरह काम भी कराया जाता है. इसका वीडियो भी सामने आया है. यह पूरा मामला जमुई जिला से सामने आया है. जहां एक विद्यालय के कार्यालय को विद्यालय प्रधान ने कार्यालय की जगह अपना आशियाना बना लिया है.

दरअसल, यह पूरा मामला जमुई जिला के खैरा प्रखंड क्षेत्र स्थित हड़खाड़ पंचायत का है, जहां से यह तस्वीर सामने आई है. विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षिका शीला हेंब्रम ने विद्यालय के उस कमरे में जहां कार्यालय होना चाहिए था, उसे अपना घर बना लिया है. कमरे में ऐशो-आराम की सारी सुविधाएं लगाई गई है. जिसमें बिस्तर से लेकर फ्रिज, गोदरेज, टीवी, अलमारी, टेबल और रसोई का सारा सामान शामिल है. इस कमरे में शिक्षिका शीला हेंब्रम अपने पति के साथ रहती हैं. विद्यालय के जिस कमरे में बच्चों के लिए पढ़ाई होनी थी, उस कमरे को शिक्षिका अपने व्यक्तिगत कार्यों के लिए इस्तेमाल कर रही हैं.

तीन कमरों में होती है आठ कक्षा की पढ़ाई

बताते चलें कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरदौन में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक की पढ़ाई होती है. लेकिन, विद्यालय में तीन कमरे ही मौजूद हैं. पहले कमरे में कक्षा एक से तीन, दूसरे कमरे में कक्षा चार-पांच और तीसरे कमरे में कक्षा छह से लेकर आठ तक की पढ़ाई होती है. ऐसे में एक महत्वपूर्ण कमरे में बच्चों को पढ़ाने की बजाय उसे शिक्षिका के द्वारा अपने व्यक्तिगत काम के लिए इस्तेमाल किया जाना शिक्षिका की मनमानी को दर्शाता है. हालांकि इस बारे में विद्यालय प्रधान शीला हेंब्रम ने बताया कि उनका घर बन रहा है और उनके पास कोई जगह नहीं थी तो उन्होंने स्कूल के कमरे का इस्तेमाल कर लिया. डीएम राकेश कुमार ने भी मामले में जांच की बात कही है.