Sunday, December 22, 2024
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देश को इस्वर ही वचाये ऐसे लीगो से

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*केजरीवाल के जेल से सरकार चलाने पर भड़के ललन सिंह*
पटना: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की कस्टडी से अपना पहला आदेश रविवार को जारी किया था. इसमें केजरीवाल ने जल मंत्रालय को लेकर नोट के जरिए आदेश दिया था. इसको लेकर एनडीए के नेता हमलावर हैं. वहीं जदयू नेता और सांसद ललन सिंह ने भी दिल्ली के सीएम पर हमला किया है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है और अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.
‘अरविंद केजरीवाल जेल से चला रहे हैं सरकार’- ललन सिंह: ललन सिंह ने लिखा है कि लोकतंत्र के ‘स्वयंभू रक्षक’, भ्रष्टाचार के आरोपी नैतिकता की सारी हदें पार कर देश में नया इतिहास रचते हुए जेल से ही मुख्यमंत्री पद का दायित्व निभा रहे हैं. वाह रे लोकतंत्र के रक्षक, जिसने संत अन्ना हजारे जी के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से भ्रष्टाचार के आरोप में तिहाड़ जेल तक की यात्रा पूरी की, उनके शब्दकोश में यही लोकतंत्र है, यही नैतिकता है! देश को ईश्वर बचाए ऐसे लोकतंत्र के रक्षकों से.
जल विभाग को केजरीवाल का आदेश: बता दें कि दिल्ली शराब घोलाले में ईडी के द्वारा अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. वहीं केजरीवाल ने ईडी की हिरासत में रहते हुए रविवार को अपना पहला आदेश जारी किया है. केजरीवाल ने जल विभाग को एक नोट के जरिये आदेश जारी किया है. आदेश के बाद जल विभाग के मंत्री आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस भी की थी.
हाईकोर्ट ने संरक्षण देने से किया था इनकार: गिरफ्तारी से पहले सीएम केजरीवाल अपने खिलाफ जारी समन सहित सभी कार्रवाई को रद्द करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट पहुंचे थे. हालांकि हाईकोर्ट ने किसी भी तरह का संरक्षण दिए जाने से इनकार कर दिया था. इसके कुछ ही घंटों बाद ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था.
जदयू के बदले सुर: भले ही आज जदयू के सुर एनडीए में शामिल होने के बाद बदल गए हैं, लेकिन इससे पहले इंडिया गठबंधन के साथ रहते हुए उसने अरविंद केजरीवाल का भरपूर समर्थन किया था. अप्रैल 2023 को सीबीआई का नोटिस अरविंद केजरीवाल को मिलने के बाद जदयू ने तीखी प्रतिक्रिया दी था. ललन सिंह ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल पर केंद्र सरकार बदले की कार्रवाई कर रही है. ललन सिंह ने केंद्र पर विपक्षी शीर्ष नेताओं के खिलाफ पालतू तोतों के दुरुपयोग का आरोप लगाया था. साथ ही ये भी कहा था कि 11 और 12 अप्रैल को विपक्षी एकता के लिए सकारात्मक पहल होते ही भाजपा तिलमिला गई है.