अजब गजब
एक शख्स को सरकार का एक नया आदेश बहुत ही महंगा पड़ा गया. इतना की वह निर्दोष साबित होने की खुशी भी ढंग से नहीं माना पाया. यूके में एक शख्स 17 साल से बलात्कार के आरोप में सजा काट रहा था, लेकिन वह निर्दोष साबित हुआ. पर अब उसे इतने सालों तक बिस्तर और भोजन का भुगतान करना होगा और उसके मुआवजे में से इसके लिए एक करोड़ रुपये काट लिए जाएंगे.
*विकास शर्मा*
एक अजीब आदेश में अगर कोई शख्स किसी ऐसे अपराध के लिए सजा भुगत रहा था, जो उसने नहीं किया था, तो उसके मुआवजे में अब कटौती की जाएगी. ब्रिटेश सरकार के इस फैसले के मुताबिक ऐसे पीड़ितों को जेल में बिताए गए समय के लिए “बिस्तर और भोजन” की लागतों को पूरा करना होगा. अब इसका असर एक ऐसे शख्स पर होगा जिसने गलती से 17 साल जेल में बिताए हैं, अब उसे मिलने वाले मुआवजे में करीब एक करोड़ सात लाख रुपये कम मिलेंगे.
हैरानी की बात ये है कि यह कोई नया नियम नहीं है, बल्कि ऐसे नियम पिछले साल तक लागू जिसे बदल दिया गया था और अब इसे वापस लागू कर कर दिया गया है. ब्रिटिश सरकार ने न्याय की ऐतिहासिक विफलताओं के पीड़ितों को सूचित किया है कि अब उन्हें निर्णय के अनुसार, गलत तरीके से जेल में बंद लोगों को किए जाने वाले मुआवजे के भुगतान में इन खर्चों को कम कर दिया जाएगा.
इन पीड़ितों में से एक एंड्रयू माल्किंसन है, जिसने 2003 में ग्रेटर मैनचेस्टर के सैलफोर्ड में एक महिला के साथ बलात्कार के झूठे दोष के लिए 17 साल जेल में बिताए थे. बीबीसी के अनुसार, के अनुसार, उसे इन लागतों का भुगतान करने के लिए अपने मुआवजे से एक लाख पाउंड यानी 1,06,88639 रुपये कम मिलेंगे, भले ही वह अब बेकसूर है. अजीब बात ये है कि एंड्रयू माल्किंसन को एक करोड़ कटने के बाद उनके मुआवजे का भुगतान मिलने में दो साल लग जाएंगे.
यह पता चला है कि पूर्व न्याय सचिव एलेक्स चाक ने पिछले साल पिछली नीति को समाप्त कर दिया था, जो इस तरह की कटौती की अनुमति देती थी. नया नियम इस बदलाव को उलट देता है, जिससे उन व्यक्तियों पर वित्तीय बोझ पड़ता है जो पहले से ही काफी अन्याय झेल चुके हैं. माल्किंसन ने बलात्कार के लिए लगभग दो दशक जेल में काटे जो उन्होंने नहीं किया था.
पिछले जुलाई में अपील न्यायालय द्वारा औपचारिक रूप से उन्हें बरी कर दिया गया था. उन्होंने गलत तरीके से दोषी ठहराए गए लोगों को अधिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए जूरी और अपील प्रणाली में पूरी तरह बदलने की गुजारिश की है. श्री माल्किंसन ने कहा कि जीवन-यापन लागत नियम को हटाने के बाद भी, उन्हें किसी भी मुआवजे के लिए दो साल तक प्रतीक्षा करने की उम्मीद है, जबकि स्वतंत्र बोर्ड, जिसने निर्धारित किया था कि उन्हें कितना मिलना चाहिए, अपना फैसला लेगा.