सफलता की कहानी
*गांव के इस लड़के ने कभी कॉलेज का मुंह नहीं देखा, आज सैकड़ों करोड़ का मालिक*
*अमेरिका में चलाता है बिजनेस*
असम के दूरदराज के गांव में पैदा हुआ एक लड़का जिसने कभी कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा. एक ऐसा ऐप बनाया जिसे खरीदने अमेरिका की कंपनी आ पहुंची और आज यह युवक अमेरिका में ही रहता है और सैकड़ों करोड़ का मालिक है.
*प्रमोद कुमार तिवारी*
*नई दिल्ली*। कहते हैं मेहनत इतनी खामोशी से करनी चाहिए कि सफलता शोर मचा दे. ऐसा ही कुछ हुआ असम के दूरदराज गांव में रहने वाले किशन बगरिया के साथ. कुछ समय पहले तक किशन का नाम उसके आसपास के लोगों को भी नहीं पता था और आज पूरी दुनिया इस नाम और इसके कमाल को जानती है. किशन ने कभी कॉलेज का मुंह तक नहीं देखा, लेकिन अपने जज्बे से ऐसा कारनामा कर दिखाया कि अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी ने उसके हाथ में बिजनेस सौंप दिया. किशन आज करोड़ों रुपये का मालिक है और सैन फ्रांसिस्को में रहकर बाकायदा एक टीम को लीड कर रहा है.
असम के डिब्रूगढ़ जिले के एक गांव में रहने वाले किशन को कभी कॉलेज जाने का मौका नहीं मिला, लेकिन उसके अंदर सीखने की ललक में कोई कमी नहीं थी. हाथ में मोबाइल और इंटरनेट का साथ होने से उसके पास सीखने के लिए बहुत कुछ था. किशन ने मोबाइल पर ही ऑनलाइन कोडिंग सीखी और एक ऐप बनाया टेक्स्ट.कॉम इस ऐप की खासियत देख अमेरिका की दिग्गज कंपनी वर्डप्रेस ने 5 करोड़ डॉलर ( करीब 416 करोड़ रुपये ) में खरीद लिया. आपको जानकर हैरानी होगी कि किशन ने 12 साल की उम्र से ही एप्लीकेशन बनाना शुरू कर दिया था.
*क्या खास है इस ऐप में*…….
टेक्स्ट.कॉम ऐप के जरिये यूजर को अपने सभी मैसेज देखने की सुविधा मिलती है. चाहे वह टि्वटर पर हो या इंस्टाग्राम, वाट्सऐप, टेलीग्राम या फिर किसी भी मैसेजिंग सर्विस पर, सभी मैसेज एक सिंगल डैशबोर्ड पर दिख जाते हैं. यूजर ये मैसेज बिना सेंडर को भनक लगे ही देख सकते हैं. इतना ही नहीं सिक्योरिटी के लिहाज से इस ऐप पर हर संदेश इंड टू इंड इनक्रिप्शन वाला होता है.
*दोस्तों की तारीफ ने बना दिया काम*……
किशन के बनाए ऐप को उसके दोस्तों ने सराहा तो तारीफ का सिलसिला चल पड़ा. एक से दूसरे मुंह तक ऐप का बखान गया तो खरीदारों की कॉल आनी भी शुरू हो गई. टेक इंडस्ट्री की कई कंपनियों ने ऐप को खरीदने के लिए किशन से संपर्क साधा. 3 महीने तक मोलभाव चला और आखिरकार अमेरिकी कंपनी ऑटोमेटिक जिसने वर्डप्रेस बनाया, किशन के ऐप को साल 2023 में खरीद लिया. अक्टूबर महीने में फाइनल हुई इस डील के तहत किशन को 416 करोड़ रुपये मिले.
*आज अमेरिका में चला रहा बिजनेस*….
इस डील के बाद भी ऑटोमेटिक के फाउंडर मैट मुलेनवेग ने किशन को नहीं छोड़ा. वे किशन को अपने साथ लेकर सैन फ्रांसिस्को गए. आज किशन टेक्स्ट . कॉम की टीम को लीड कर रहा है और ऑटोमेटिक कंपनी को टेक सपोर्ट दे रहा है. कंपनी के फाउंडर का कहना है कि किशन जेनरेशनल टेक जीनियस है.