Thursday, November 21, 2024
दुर्घटनादेश

Lack of hospital extinguished the light of the house, painful death of teenagers injured in the accident.

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अस्पताल की कमी ने बुझ गया घर का चिराग

दुर्घटना में घायल किशोरों की दर्दनाक मौत

एमसीबी – देश की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के दावों के बावजूद, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। सरकार चाहे जितने भी वादे कर ले, लेकिन जब ज़रूरत के समय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध न हो, तो लोगों की जान पर बन आती है। हाल ही में, एमसीबी जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसने सबको झकझोर कर रख दिया है। दरअसल, विवेकानंद कॉलेज के पास हुए एक दर्दनाक हादसे में तीन किशोर, जो एक ही बाइक पर सवार थे, गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि उनकी बाइक का एक तेज़ रफ्तार ट्रैक्टर से टकराव हो गया। तीनों किशोरों को घायल अवस्था में मनेंद्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहाँ उनका प्राथमिक उपचार किया गया, लेकिन हालात गंभीर होने के कारण उन्हें अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। अस्पताल में रेफरल प्रक्रिया में जितना समय लगा, उससे हादसे का दर्द और भी गहरा हो गया। एक घायल किशोर ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया, और दूसरा अंबिकापुर पहुँचते ही अपनी जिंदगी की जंग हार गया। तीसरे किशोर को हालत नाज़ुक होने के कारण अंबिकापुर से भी रायपुर रेफर कर दिया गया, जहाँ वो अब भी जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होतीं, तो शायद इन किशोरों की जान बचाई जा सकती थी। आए दिन लोगों को अपने रिश्तेदारों को रेफर करवाकर दूर-दूर के अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। कई बार गरीब परिवार इतने लंबे सफर के खर्चे को वहन नहीं कर पाते, जिससे वे इलाज से वंचित रह जाते हैं। वोट के समय नेताओं द्वारा किए गए बड़े-बड़े वादों के बावजूद, स्वास्थ्य सेवाओं की हालत जस की तस बनी हुई है। ज़िले के लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कब वह दिन आएगा, जब उन्हें अपनी बीमारियों का इलाज अपने ही ज़िले में मिल सकेगा ?