रामकथा संस्कार यज्ञ में भक्तों ने लिया महाप्रसाद, श्रीराम की मर्यादा से मिली जीवन जीने की सीख
प्रतापगढ़
विश्वनाथगंज क्षेत्र के निमरी भवानी धाम में आयोजित रामकथा संस्कार यज्ञ का नौ दिवसीय आयोजन रविवार को महाप्रसाद वितरण के साथ संपन्न हुआ। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। पूड़ी, हलवा और सब्जी का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री मोती सिंह के पुत्र नंदन सिंह ने पहुंचकर आशीर्वाद लिया और आयोजकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में सद्भाव, संस्कार और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं। कथावाचक सच्चिदानंद त्रिपाठी ने नौ दिन तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श जीवन की गाथा सुनाई। उन्होंने भगवान श्रीराम के आदर्शों को जीवन में उतारने की प्रेरणा देते हुए कहा कि आज के युग में बच्चों को संस्कारवान, चरित्रवान और अनुशासित बनाने की आवश्यकता है। कथा के माध्यम से उन्होंने बताया कि श्रीराम का जीवन त्याग, मर्यादा और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। आयोजक अजय प्रताप सिंह ‘रिंटू’ ने बताया कि रामकथा का उद्देश्य समाज में संस्कारों की पुनर्स्थापना करना और नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना था। उन्होंने कहा कि कथा के दौरान भक्तों को धर्म, कर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया। कथावाचक ने अपने प्रवचनों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। उन्होंने लोगों को प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि यह न केवल प्रकृति बल्कि मानव जीवन के लिए भी हानिकारक है। कथा के दौरान उपस्थित भक्तों से उन्होंने पर्यावरण को सुरक्षित रखने की अपील की। रामकथा संस्कार यज्ञ के इस आयोजन ने भक्तों के मन में भक्ति और संस्कार की नई चेतना जगाई। नौ दिन तक चले इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में भक्तों ने भक्ति, भजन और सत्संग के माध्यम से भगवान श्रीराम की लीला का आनंद लिया और अंत में महाप्रसाद ग्रहण किया।

BBC India News 24 wwwbbcindianews24.com